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कोरोना को 'हल्के' में लेना इटली को पड़ा 'भारी', देश में मची तबाही

By DAYANAND MOHITE | published: मार्च 21, 2020 08:13 AM 2019-02-12T14:15:30+5:30

कोरोना को 'हल्के' में लेना इटली को पड़ा 'भारी', देश में मची तबाही

शहर : राष्ट्रीय

भारत अभी कोरोना वायरस के महामारी के दूसरे चरण से गुज़र रहा है. लेकिन अगर लोगों ने लापरवाही बरतना नहीं छोड़ा तो जल्दी ही तीसरा चरण आ सकता है. जिस दौरान ये महामारी एक समुदाय से दूसरे समुदाय में फैलने लगेगी. और चौथे चरण में जाने पर पूरा देश इसका शिकार हो सकता है. कुछ दिनों पहले इटली के एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर अपना अनुभव बांटते हुए पूरी दुनिया को गंभीरता बरतने की सलाह दी थी. इस व्यक्ति ने बताया कि उसके देश में  कैसे हंसी मज़ाक के विषय से मौत की सबसे बड़ी वजह में बदल गया. इस व्यक्ति ने अपनी बातों को 6 चरणों में बयान किया है.

उसके मुताबिक पहले चरण में लोग इसे मामूली Flue मानते रहे और युवाओं को लगता रहा कि इससे सिर्फ बुजुर्ग प्रभावित होते हैं. इसलिए लोग पार्टियां करते रहे, एक दूसरे से मिलते रहे. लेकिन दूसरे चरण में मरीज़ों की संख्या अचानक बढ़ने लगी. कुछ इलाकों को Red Zone को घोषित कर दिया गया. लेकिन आम लोगों को फिर भी लगा कि चिंता की कोई बात नहीं है.

लोग अपना जीवन पहले की तरह जीते रहे, दोस्तों से मिलते रहे और सबको इस बात का यकीन था कि ये Virus उन्हें छू भी नहीं सकता . क्योंकि इससे तो कोई दूसरा ही प्रभावित हो रहा है वो खुद कभी इसका शिकार नहीं बनेंगे. तीसरे चरण में मरीज़ों की संख्या दोगुनी होने लगी. Red Zones की संख्या भी बढ़ गई, स्कूल कॉलेज बंद कर दिए गए. लेकिन इसी दौरान इन Red Zones से 10 हज़ार संदिग्ध लोग भाग गए. देश के 25 प्रतिशत हिस्से को Lock Down कर दिया गया.

लेकिन बाकी के 75 प्रतिशत लोग सामान्य जीवन जीते रहे और इन 75 प्रतिशत लोगों को अब भी यकीन था कि ये Virus उनका कुछ नहीं बिगाड़ेगा. लोगों को टीवी और अखबारों के माध्यम से सावधानी बरतने के लिए कहा जाता रहा. लेकिन लोगों ने इसका पालन शुरू नहीं किया.

चौथे चरण में पूरे देश में Health Emergency लगा दी गई, अस्पतालों में मरीज़ों की बाढ़ आ गई. अस्पताल अपनी पूरी क्षमता से काम करने लगे. इसके बाद हालात युद्ध जैसे हो गए, अस्पतालों में जगह कम पड़ने लगी, डॉक्टरों को फैसला लेना पड़ा कि किसकी जान बचाई जाए और किसकी नहीं. अस्पतालों में हाहाकार मच गया, कड़े फैसले लेकर डॉक्टर और नर्से रोने लगीं. सिस्टम द्वारा की गई सारी व्यवस्थाएं चरमराने लगीं.

पांचवे चरण में पूरे देश को Quarantine कर दिया गया और जो 10 हज़ार लोग पाबंदियों के बावजूद भाग गए थे. वो इस Quarantine की सबसे बड़ी वजह बन गए. फिर भी दुकानों, दफ्तरों, Pubs और Restaurants को बंद नहीं किया गया.

छठे चरण में जब हर दिन हजारों की संख्या में लोग संक्रमित होने लगे. तब जाकर सरकार ने दुकानों, Offices, Pubs और Restaurants को बंद कर दिया. लोगों की Movement पर रोक लगा दी गई. बिना इजाजत बाहर निकलने वालों पर 16 हज़ार रुपये का फाइन लगाया जाने लगा और जो लोग संक्रमित होने के बाद भी बाहर निकल रहे थे उनके लिए 1 से 12 साल तक की जेल की सज़ा का ऐलान किया गया. मुट्ठी भर मामलों से इस भयावह स्थिति तक पहुंचने में इटली को सिर्फ 5 दिन लगे. ये Post 12 मार्च को लिखी गई थी. तब इटली में 15 हज़ार Corona Virus के मरीज़ थे. और पिछल 8 दिनों में ये संख्या बढ़कर 41 हज़ार हो चुकी है.

ये स्थिति सिर्फ और सिर्फ लोगों की लापरवाही की वजह से आती है. आज हमने इस विषय पर All India Institute of Medical Sciences यानी AIIMS के डायरेक्टर से बात की. उन्होंने भी चेतावनी दी है कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो भारत को Lock Down जैसी स्थिति में जाना पड़ सकता है और युवा लोग ये मानकर ना चलें कि इस Virus का प्रभाव तो सिर्फ बुजुर्गों पर पड़ता है. क्योंकि एक नई Study के मुताबिक अमेरिका में Corona Virus के जितने मरीज़ अस्पताल में भर्ती हैं उनमें से 40 प्रतिशत की उम्र 24 से 54 वर्ष के बीच है. यानी अगर आप युवा हैं. तो भी आपको गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए.

भारत में जिस तरह से कोरोना Infection के मामले अब तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. उसके बाद अब कोरोना वायरस को हल्के में लेना...बहुत भारी पड़ सकता है..और अगर आप अब भी इसे खतरा मानने के मूड में नहीं हैं..तो आपको इटली के हालात पता होने चाहिएं. जिसने वक्त रहते कोरोना को नजरअंदाज किया और आज वो कोरोना का सबसे बड़ा शिकार बन चुका है.

इटली में ये वायरस अबतक 3405 लोगों की जान ले चुका है. मौतों का ये आंकड़ा किसी भी दूसरे देश से ज्यादा है. यहां तक कि कोरोना के Birth Place यानी जन्मस्थान चीन से भी ज्यादा. जहां मौतों का आधिकारिक आंकड़ा 3245 है..इटली में जहां 18 मार्च को एक दिन में 475 लोगों की मौत हुई थी. वहां 19 मार्च को चौबीस घंटे के अंदर 427 लोगों की जान चली गई.

पिछले तीन दिनों में ही इटली में कोरोना वायरस के मामलों में 14.9 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. जबकि पिछले दो दिनों में चीन में कोई नया स्थानीय मामला सामने नहीं आया. हालांकि Infection से पीड़ित 34 ऐसे लोग सामने आए हैं. जो हाल ही में विदेश से वापस लौटे हैं. चीन में कोरोना पीड़ित मरीजों की संख्या करीब 81 हजार और इटली में 41 हजार है. लेकिन मौतों के मामले में इटली अब चीन से भी आगे निकल चुका है.

इटली में कोरोना के मरीजों की मृत्युदर करीब 8.3 प्रतिशत है. जबकि चीन में ये आंकड़ा तकरीबन 4 प्रतिशत है. यानी चीन के मुकाबले इटली में कोरोना वायरस से दोगुने लोगों की मौत हो रही है.

ये दुनिया के लिए शुभ संकेत है कि पिछले दो दिनों के दौरान चीन में कोरोना का कोई भी केस नहीं आया. यानी चीन ने अपने प्रयासों के जरिये इस वायरस की Chain को तोड़ने में काफी हद तक कामयाबी हासिल कर ली है. हालांकि अभी ये कहना थोड़ी जल्दबाजी होगी कि चीन अब कोरोना से उबरने की Stage में पहुंच चुका है.

लेकिन अगर बात इटली की करें तो वो इतनी गंभीर Stage में पहुंच गया है. कि इस वायरस से मरने वालों के अंतिम संस्कार में भी परेशानियां आने लगी हैं. जिसके लिए इटली में अब सेना को लगाना पड़ा है. इटली के बरगामो (Bergamo) शहर में वायरस से मरने वाले लोगों की लाशों को अंतिम संस्कार के लिए शहर से बाहर ले जाना पड़ रहा है. ये जिम्मेदारी इटली की सेना को दी गई है. इटली की न्यूज़ एजेंसी ANSA ने इसका वीडियो जारी किया है. वीडियो में सेना के ट्रकों में शवों को शहर से बाहर ले जाते देखा जा सकता है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक बरगामो (Bergamo) शहर में ये हालात इसलिए हैं क्योंकि ये कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका है. जहां अबतक 1300 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. लेकिन शहर के श्मशान घाट में 24 घंटे में सिर्फ 25 शवों का ही अंतिम संस्कार हो पा रहा है. इस वजह से सेना की मदद से शवों को इटली के अन्य शहरों मे ले जाकर उनका अंतिम संस्कार किया जा रहा है.                                                              ज़ी न्यूज़

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