By DAYANAND MOHITE | published: जनवरी 03, 2024 08:29 PM 2019-02-12T14:15:30+5:30
शहर : आंतरराष्ट्रीय
2020 में ईराक में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए जनरल सुलेमानी की बुधवार को चौथी बरसी थी, इसी पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जब यहां लोग पहुंचे तभी एक के बाद एक दो धमाके हुए. इसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए. अभी इस हमले में मरने वालों की संख्या में और बढ़ोतरी हो सकती है.
ईरान के केर्मान शहर में बुधवार को एक के बाद एक हुए दो धमाकों में 73 लोगों की मौत हो गई. यह विस्फोट ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स जनरल कासिम सुलेमानी की कब्र के पास हुए. राज्य मीडिया के मुताबिक अल-ज़मान मस्जिद के पास हुए इन विस्फोट में 170 अन्य लोग घायल हो गए. केर्मान के डिप्टी गवर्नर ने इसे एक आतंकी हमला करार दिया है. ऑनलाइन जो वीडियो प्रसारित किया गया है, उसमें सड़क पर कई शव दिखाई दे रहे हैं.
2020 में ईराक में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए जनरल सुलेमानी की बुधवार को चौथी बरसी थी, ऐसे में उनकी याद में एक समारोह के तौर पर बुधवार को सैकड़ों लोग सुलेमानी की कब्र की ओर जा रहे थे. उसी वक्त यह हमला हो गया. बता दें की सुलेमानी को ईरान में सर्वोच्च नेता अयातुलला अली खामेनेई के बाद सबसे शक्तिशाली व्यक्ति के तौर पर देखा जाता था.
सुलेमानी ने बनाई थी ईरानी नीति
रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की विदेशी ऑपरेशन शाखा, कुद्स फोर्स के कमांडर के रूप में सुलेमानी ने ही पूरे मिडिल ईस्ट में ईरानी नीति बताई थी. वह कुद्स फोर्स के गुप्त मिशनों और हमास और हिजबुल्लाह सहित सहयोगी सरकारों और सशस्त्र समूहों को हथियार, धन, रसद और खुफिया मदद उपलब्ध कराते थे. सुलेमानी की हत्या का आदेश 2020 में डोनाल्ड ट्रंप ने दिया था. उन्होंने सुलेमानी को दुनिया का नंबर एक आतंकी बताया था.
कब्र के पास हुआ विस्फोट, 170 लोग घायल
ईरानी मीडिया के मुताबिक सुलेमानी की कब्र के पास ही वार्षिक कार्यक्रम में एक के बाद एक दो विस्फोट हुए. यहीं पर सुलेमानी को दफनाया गया था. ईरानी अधिकारियों के मुताबिक यह एक आतंकवादी हमला था. ईरान की आपातकालीन सेवाओं के प्रवक्ता बाबा येक्तापरस्त के मुताबिक इस हमले में 73 लोग मारे गए थे और 170 घायल हुए थे. ईरानी मीडिया के मुताबिक कब्रिस्तान की ओर जाने वाली सड़क पर गैस कनस्तरों में विस्फोट हुआ. केमॉन प्रांत के रेड क्रिसेंट के प्रमुख रेजा पल्लाह ने बताया कि राहत कार्य शुरू कर दिया गया है. हमले में घायलों को बाहर निकाला जाता रहा है.
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