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सीट शेयरिंग का फॉर्मूला रेडी! साथी दलों के साथ ऐसे तालमेल बैठाएगी कांग्रेस

By DAYANAND MOHITE | published: जनवरी 03, 2024 08:22 PM 2019-02-12T14:15:30+5:30

सीट शेयरिंग का फॉर्मूला रेडी! साथी दलों के साथ ऐसे तालमेल बैठाएगी कांग्रेस

शहर : राष्ट्रीय

दिल्ली को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक दल के नेता समेत बड़ा तबका आप के साथ गठबंधन के खिलाफ है. उसका कहना है कि केरल की तर्ज पर कांग्रेस और आप आमने सामने लड़ें, इससे बाद में मिलाकर सीटें इंडिया गठबंधन की होंगी और बीजेपी को विपक्ष का स्पेस भी नहीं मिलेगा.

 

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपनी आतंरिक तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. शीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय गठबंधन समिति के संयोजक मुकुल वासनिक ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से जुड़ी एक रिपोर्ट पेश की है. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक दल के नेता समेत बड़ा तबका आप के साथ गठबंधन के खिलाफ है. उसका कहना है कि केरल की तर्ज पर कांग्रेस और आप आमने सामने लड़ें, इससे बाद में मिलाकर सीटें इंडिया गठबंधन की होंगी और बीजेपी को विपक्ष का स्पेस भी नहीं मिलेगा.

वहीं राज्य के सांसदों का मानना है कि आप से गठबंधन का संगठन को फिलहाल नुकसान तो होगा, लेकिन 2024 के अहम चुनाव के लिहाज से गठजोड़ करने पर सीटें ज़्यादा जीती जा सकेंगी. साथ ही इन सांसदों का कहना है कि पंजाब में केरल जैसी स्थिति नहीं है. वहां बीजेपी के अलावा अकाली दल भी है और दोनों के भविष्य में खुलकर या अंदरखाने मिल सकते हैं, इसलिए गठबंधन करना चाहिए. इसलिए कमेटी ने दिल्ली के साथ पंजाब में भी गठबंधन का विकल्प खुला है. दिल्ली में मसला 4-3 और 5-2 सीटों का है, जिस पर फैसला आलाकमान ले। दिल्ली कांग्रेस ने भी फैसला आलाकमान पर छोड़ दिया है।

बंगाल में 7 से 9 सीटों की दरकार

अधीर रंजन के नेतृत्व वाली राज्य इकाई का कहना है कि ममता सम्मानजनक तौर पर 7 से 9 सीटें देती हैं तो तालमेल किया जाए. अन्यथा लेफ्ट के साथ गठबंधन का विकल्प खुला रखें. क्योंकि, ममता ने राज्य में कांग्रेस संगठन को कमज़ोर किया है. नेताओं को तोड़ा है, कार्यकर्ताओं पर अत्याचार किया है. खुद ममता को भी एंटी इनकंबेंसी से निपटने के लिए और एकमुश्त अल्पसंख्यक वोट के लिए भी कांग्रेस की जरूरत है. हालांकि, राज्य कांग्रेस ने अंतिम फैसला आलाकमान पर छोड़ा है।

महाराष्ट्र में 23 सीटों की लिस्ट तैयार

राज्य कांग्रेस ने कहा है कि, शिवसेना, एनसीपी में टूट के बाद कांग्रेस राज्य में सबसे बड़ी पार्टी है, ये कांग्रेस की जमीन वापसी का मौका है. राज्य इकाई ने 48 लोकसभा सीटों में से मजबूत 23 सीटों की सूची दी है. अंतिम फैसला आलाकमान पर छोड़ा।

यूपी की रिपोर्ट 6 जनवरी के बाद

यूपी का फैसला दोनों दलों के आलाकमान को आपसी समझ से करना है. यूपी इकाई से मजबूत सीटों की लिस्ट मांगी गई है. वहां लखनऊ में यूपी जोड़ो यात्रा 6 जनवरी को पूरी हो रही है. नए प्रभारी अविनाश पांडेय 6 तारीख को वहां जाएंगे और राज्य के नेताओं से मिलेंगे. उसके बाद ही यूपी पर फाइनल रिपोर्ट आलाकमान को दी जाएगी.

जम्मू-कश्मीर में आपसी सहमति बनना तय

यहां अलायंस में समस्या नहीं है. कश्मीर क्षेत्र की एक सीट पीडीपी मांग रही है, बाकी सीटों पर एनसी और कांग्रेस राज्य स्तर पर सहमति बना लेंगे. मोटे तौर पर 2 कांग्रेस, 2 एनसी और एक पीडीपी को, वहीं लद्दाख की सीट कांग्रेस को मिल सकती है.

झारखंड में 7 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है कांग्रेस

झारखंड में पिछली बार कांग्रेस ने 13 में से 7 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इस बार भी कांग्रेस उतनी ही सीटों पर दांव खेलेगी. 4 सीट जेएमएम, 2 सीटें आरजेडी और जेडीयू के लिए छोड़ी जाएंगी. कमेटी को केरल पर चर्चा का फिलहाल ज़िम्मा नहीं दिया गया है, वहीं तमिलनाडु में पहले से ही डीएमके और सहयोगियों के साथ तालमेल बना हुआ है. इसलिए वहां कमेटी की भूमिका सीमित ही है.

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