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पत्रक, अक्षत और प्रभु राम…नए साल की दस्तक के साथ बीजेपी का मिशन ‘घर-द्वार’

By DAYANAND MOHITE | published: जनवरी 01, 2024 01:08 PM 2019-02-12T14:15:30+5:30

पत्रक, अक्षत और प्रभु राम…नए साल की दस्तक के साथ बीजेपी का मिशन ‘घर-द्वार’

शहर : राष्ट्रीय

बीजेपी की रणनीति है कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर बनकर तैयार हो तो उसके सहारे जीत की हैट्रिक लगाकर इतिहास रचा जाए. बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव को राम मंदिर के एजेंडे पर लड़ने की पटकथा तैयार की है. अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम है.

अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो रहा है और 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम आयोजित की जा रही है. पीएम मोदी राम मंदिर का उद्घाटन करेंगे, जिसे लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. राम मंदिर मुद्दे ने भारतीय राजनीति की दशा और दिशा को हमेशा के लिए बदलकर रख दिया है.

बीजेपी को दो सीटों से सत्ता के शिखर तक पहुंचने में भी राम मंदिर मुद्दे का अहम योगदान रहा और पार्टी की रणनीति है कि अयोध्या में जब भगवान श्रीराम का मंदिर बनकर तैयार हो तो उसके सहारे जीत की हैट्रिक लगाकर इतिहास रचा जाए. नए साल के आगाज के साथ बीजेपी घर-घर ये बताने में जुट गई है राम मंदिर के सपने को साकार करने के लिए उसने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी.

लालकृष्ण आडवाणी से लेकर उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी राममंदिर आंदोलन के सबसे बड़े चेहरे थे. इसी मुद्दे की बुनियाद पर 1989 के लोकसभा के चुनाव में 9 साल पुरानी बीजेपी 2 सीटों से बढ़कर 85 पर पहुंच गई थी और आज केंद्र और देश के 18 राज्यों की सत्ता पर काबिज होकर दुनिया की सबसे बड़ी पॉलिटिकल पार्टी बन गई है.

राम मंदिर के एजेंडे पर चुनाव लड़ने की पटकथा तैयार

राम मंदिर का फैसला भले ही सुप्रीम कोर्ट से हुआ हो, लेकिन बीजेपी नेता यह बताने में जुटे हैं कि मोदी सरकार के चलते ही यह हो सका है. राम मंदिर की बुनियाद रखने से लेकर उद्घाटन तक पीएम मोदी के हाथों से हो रहा है. नरेंद्र मोदी अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शिरकत कर 2024 के लोकसभा चुनाव के समीकरण को साधने का दांव चलेंगे.

पीएम मोदी ने शनिवार को अयोध्या में रोड शो के साथ हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन की सौगात देकर अपने वोट बैंक को संदेश दे दिया कि अयोध्या आगे भी उनके एजेंडे में रहेगी. रामलला के टेंट से लेकर भव्य राम मंदिर तक के सफर, काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर, केदारनाथ धाम, महालोक धाम के विकास के साथ धार्मिक यात्राओं और परिक्रमाओं का जिक्र करते हुए लोकसभा चुनाव के मद्देनजर संदेश दिया कि पहले जहां कई दशकों तक किसी ने धार्मिक महत्व के इन प्रतीक स्थलों को संभालने की सुध नहीं ली, उन्हें बीजेपी सरकार ने महज 9 सालों में नई पहचान दी है.

इतना ही नहीं मोदी की गारंटी का जिक्र करते हुए पीएम ने साफ कहा कि मोदी जो कहता है उसे पूरा करके दिखाते हैं इसकी साक्षी अयोध्या भी है. इसके जरिए पीएम मोदी ने बता दिया कि 1990 में रथ यात्रा में अयोध्या में मंदिर बनाने का जो वादा किया था उसे पूरा किया है.

बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव को राम मंदिर के एजेंडे पर लड़ने की पटकथा तैयार की है. बीजेपी के इस मिशन में संघ और वीएचपी अपना अहम भूमिका अदा कर रहे हैं. राम मंदिर के घर-घर पहुंचाने का जिम्मा संघ-वीएचपी बाखूबी तरीके से संभाल रहा है. नए साल के दस्तक के साथ ही राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की सूचना घर-घर अक्षत निमंत्रण देकर पहुंचाई जाएगी.

10 करोड़ लोगों को किया जाएगा इकट्ठा

निमंत्रण मेंपूजित अक्षत, प्रभु राम का चित्र और पत्रक (Leaflet) दिया जाएगा. पत्रक को खास तौर पर छपवाया गया है, जिसमें इस बात की अपील की गई है कि लोग प्राण प्रतिष्ठा के दिन अयोध्या ना पहुंचे. साथ ही प्राण प्रतिष्ठा के दिन क्या करें इस बात की जानकारी भी पत्रक में दी गई है.

बांटे जाने वाले पत्रक में कहा गया है कि लोग 22 जनवरी को अपने घर के पास के मंदिर में आयोजन करें. दीपावली जैसा उत्सव मनाएं. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अयोध्या में बोलते हुए लोगों से 22 जनवरी को दीपक जलाकर दिवाली मनाने की अपील की थी. 1 से 15 जनवरी तक के बीच अक्षत (चावल) निमंत्रण के माध्यम से 10 करोड़ लोगों को इकट्ठा किया जाएगा, साथ ही उन्होंने कहा कि भगवान राम की तस्वीर के साथ अक्षत और एक सूचनात्मक पत्रक भी लोगों को वितरित किया जाएगा.

15 दिनों तक घर-घर जाकर अभियान चला रहे हैं, जिसमें लोगों 22 जनवरी को अयोध्या पहुंचने के बजाय अपने घरों में रहकर दीया जलाने और मंदिर उद्घाटन का जश्न मनाने का अनुरोध किया गया. दोनों संगठनों ने 10 करोड़ लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है. वहीं, 22 जनवरी को पांच लाख मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव मनाया जाएगा और इसका सीधा प्रसारण किया जाएगा ताकि लोग राम मंदिर की भव्यता को देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में देख सकें.

अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद एक से अधिक कारसेवकों के परिवार और मंदिर संघर्ष से जुड़े लोग अयोध्या आएंगे. भक्तों के दौरे की व्यवस्था करने के लिए राज्यों को तारीखें भी दी जाएंगी. इसे लेकर संघ ने लोकसभा स्तर पर बैठकें करके प्लान बनाया है.

संघ और वीएचपी ने गांव स्तर पर लोगों को राम मंदिर के दर्शन कराने की रूपरेखा बनाई है. बीजेपी ने 24 जनवरी से अगले तीन महीनों में देश भर के 543 लोकसभा क्षेत्रों के कम से कम 2.5 करोड़ लोगों कोदर्शनकी सुविधा प्रदान करने की है. माना जा रहा है कि यह सभी महत्वपूर्ण आम चुनावों से पहले हिंदू वोटों को एकजुट करने की भाजपा की योजना का हिस्सा है.

पूरा माहौल राममय बनाने की रणनीति

बीजेपी की योजना 2024 के आम चुनाव से पहले हर लोकसभा क्षेत्र में कम से कम 5,000 ‘मंदिर इन्फ्लुएंसरकी एक सेना बनाने की है, जो उन्हें अयोध्या राम मंदिर में पूजा करने और इसके निर्माण के लिए आंदोलन के इतिहास से परिचित कराएगी. इसके अलावा अयोध्या से रामलला का दर्शन करने के बाद अपने गांवों और कस्बों में लौटने पर, ये कार्यकर्ता, जिनके नाम पार्टी के विधायकों और सांसदों द्वारा तैयार किए जाएंगे, वे मंदिर के निर्माण और राम जन्मभूमि आंदोलन के पीछे की कहानी को आगे बढ़ाएंगे.

राम मंदिर को लेकर जो गीत बनाए गए हैं उन्हें स्थानीय भाषाओं में ट्रांसलेट करके उन्हें स्थानीय गायकों की आवाज में रिलीज भी किया जा रहा है. इस तरह से पूरा माहौल राममय बनाने की स्ट्रैटेजी बनाई है. हर राज्य में बसें बुक कराई जाएंगी और लोगों को अयोध्या जाने में मदद की जाएगी.

इसके अलावा कई राज्यों से स्पेशल ट्रेन भी चलेंगी. बीजेपी सोशल मीडिया के जरिए जिला स्तर पर में लोगों का रजिस्ट्रेशन करवा रही है. प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम मंदिर का प्रसाद भी घर-घर पहुंचाने की प्लानिंग की जा रही है. इसके लिए अलग-अलग राज्य में बीजेपी प्रदेश स्तर पर मीटिंग कर रही है और गांव-ब्लॉक स्तर पर ये जिम्मेदारी दी जा रही है.

अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण बीजेपी के चुनावी वादों में से एक रहा है. अब जब यह जमीनी हकीकत बनेगा तो पार्टी इसे अपने एक पूरे किए गए वादे के तौर पर लोगों को बताएगी. बीजेपी सिर्फ यूपी में ही इसकी तैयारी नहीं कर रही है. मध्य प्रदेश से लेकर राजस्थान, छत्तीसगढ़ से लेकर तेलंगाना हर राज्य के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने राम भक्तों को अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन कराने का वादा किया था. कुछ ही महीने बाद लोकसभा चुनाव होने हैं और पार्टी के लिए यह एक बड़ा मुद्दा रहेगा. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद चुनाव तक लगातार अलग-अलग राज्यों के लोगों को अयोध्या ले जाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जो 100 दिनों चलेगी.

हिंदू समाज को एकजुट करने की कोशिश

2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के लिए यह हिंदू वोट बैंक को एकसाथ लाने का बड़ा मौका है. विपक्ष की तरफ से जाति जनगणना की बात बीजेपी को घेरने के लिए की जा रही है. ऐसे में बीजेपी राम मंदिर के जरिए जाति की पहचान को भुलाकर हिंदू समाज को एकजुट करने की भी कोशिश कर रही है. छत्तीसगढ़ के आदिवासियों से लेकर अयोध्या के पंडितों तक सबको राम नाम से एक किया जा रहा है.

यूपी की योगी सरकार के लोग 22 जनवरी को जो श्रद्धालु राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए जाएंगे, उन भक्तों का स्वागत करेगी. मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए मध्य प्रदेश से कई श्रद्धालु अयोध्या जाएंगे और हमारी सरकार रास्ते में उनका तिलक लगाकर स्वागत करेगी. बीजेपी की बिहार यूनिट का कहना है कि वे 50 लाख श्रद्धालुओं को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या तीर्थ क्षेत्र घुमाएगी.

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