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क्या है कोहिनूर मिल मामला? जिसमें राज ठाकरे से हो रही है पूछताछ

By DAYANAND MOHITE | published: अगस्त 22, 2019 06:11 PM 2019-02-12T14:15:30+5:30

 क्या है कोहिनूर मिल मामला? जिसमें राज ठाकरे से हो रही है पूछताछ

शहर : मुंबई

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना पार्टी के प्रमुख राज ठाकरे से ईडी मुख्यालय में पूछताछ जारी है. ठाकरे से कोहिनूर सीटीएनएल लोन मामले में पूछताछ की जा रही है. बुधवार को ईडी ने ठाकरे को मुख्यालय में पेश होने को कहा था. पुलिस ने संभावित हंगामे के मद्देनजर 200 से ज्यादा एमएनएस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है. इसके साथ ही मरीन ड्राइव, दादर और आजाद मैदान थाना क्षेत्रों में धारा 144 लगाई गई है. राज ठाकरे से यह पूछताछ कोहिनूर सीटीएनएल इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी में आईएल ऐंड एफएस द्वारा 450 करोड़ रुपये की इक्विटी निवेश और कर्ज से जुड़ी कथित अनियमियतताओं की जांच के सिलसिले में हो रही है.जिसके संबंध में शिवसेना  के उद्धव ठाकरे पहले ही राज का समर्थन कर चुके हैं. क्या आप जानते हैं कि कोहिनूर सीटीएनएल लोन मामला क्या है और राज ठाकरे कैसे इस मामले से जुड़े हैं?

कोहिनूर सिटीएनएल कंपनी से जुड़ा है मामला

शिवसेना और बीजेपी दोनों ही पार्टी के नेताओं ने मनसे के लगाए आरोपों का खंडन किया और इसे जांच एजेंसी की एक रूटीन कार्रवाई बताया. गौरतलब है कि ईडी ने IL&FS कंपनी के कई अलग-अलग मामलों की जांच की थी तब जांच के दौरान कोहिनूर सिटीएनएल कंपनी का नाम सामने आया तब जांच एजेंसी ने इस कंपनी से जुड़े लोगों को पूछताछ के लिए बुलाने का सिलसिला शुरू किया. बताया जाता है कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे, मनोज जोशी के बेटे उन्मेश जोशी और राजेंद्र शिरोड़कर इन तीनों ने मिलकर एक कंसोर्टियम बनाया था.

IL&FS ने किया था 225 करोड़ का निवेश

IL&FS कंपनी ने उस वक्त कोहिनूर सिटीएनएल में तकरीबन 225 करोड़ का निवेश किया. साल 2008 में नुकसान झेल रही कंपनी कोहिनूर सीटीएनएल में इन्होंने अपने शेयर महज 90 करोड़ों में बेच दिए और राज ठाकरे ने यह समूह छोड़ दिया. हालांकि, आगे चलकर कंपनी ने अपनी तमाम संपत्ति बेचकर 500 करोड़ रुपए जुटा कर कर्ज चुकाने का एक एग्रीमेंट साइन किया लेकिन पहले से ही कर्ज बकाया होने के बावजूद  IL&FS कंपनी ने कोहिनूर सिटीएनएल को दोबारा 135 करोड़ की फंडिंग की.

राज ठाकरे से होगी पूछताछ

जांच एजेंसियों को शक है कि इस पूरे ट्रांजेक्शन में कहीं कहीं मनी लॉन्ड्रिंग को अंजाम दिया गया, जिसको लेकर फिलहाल ED की तफ्तीश जारी है. इन सबके बीच सबकी निगाहें  जब मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ED दफ्तर में अधिकारियों के सवालों का सामना करेंगे. ऐसे में आने वाले दिनों में राज ठाकरे को राहत मिलती है या उनकी मुश्किलों में इजाफा होता है यह देखने वाली बात होगी.

ये है कोहिनूर मिल मामला

कोहिनूर मिल खरीदने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी पीएमएलए के तहत मामले की जांच कर रहा है. साल 2003 में राज ठाकरे और राजन शिरोडकर के साथ साझेदारी कर मनोहर जोशी के बेटे उन्मेश जोशी ने अपनी कंपनी कोहिनूर सीटीएनएल के ज़रिए कोहिनूर मिल का सौदा किया था. जोशी, ठाकरे और शिरोडकर तीनों बराबर के साझेदारी में पूरा सौदा 421 करोड़ रुपये में तय किया गया था. हालांकि 5 साल बाद 2008 में ठाकरे अपना हिस्सा बेचकर अलग हो गए थे.

 

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