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फडणवीस सरकार गिरने से सबसे ज्यादा दुखी होंगे ये नेता, ये ना रो सकते ना हंस सकते हैं!

By DAYANAND MOHITE | published: नवंबर 26, 2019 06:29 PM 2019-02-12T14:15:30+5:30

फडणवीस सरकार गिरने से सबसे ज्यादा दुखी होंगे ये नेता, ये ना रो सकते ना हंस सकते हैं!

शहर : राष्ट्रीय

महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस  की सरकार गिर गई है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आदेश दिया कि देवेंद्र फडणवीस बुधवार शाम पांच बजे तक महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित करें, लेकिन समर्थन जुटाने में खुद को असमर्थ पाकर उन्होंने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को इस्तीफा सौंप दिया. यूं तो इस सरकार के गिरने से देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी के लोग निराश हैं, लेकिन सबसे ज्यादा अगर किसी को नुकसान हुआ है तो वह हैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और कुछ घंटे के लिए उपमुख्यमंत्री रहे अजित पवार . फडणवीस की सरकार गिरने और महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीतिक हालात में अजित पवार की ऐसी स्थिति हो गई है कि वह ना हंस सकते हैं और ना रो सकते हैं.

सरकार गिरने का गम भी बयां नहीं कर सकते

महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की सरकार गिरने पर बीजेपी के लोग सत्ता में आने वाले लोगों पर निशाना साधकर अपना गुस्सा शांत कर सकते हैं, या यूं कहें कि सरकार जाने का गम कर सकते हैं, लेकिन अजित पवार ऐसा कुछ नहीं कर पाएंगे. दरअसल, अजित पवार एनसीपी प्रमुख शरद पवार की इच्छा के विरुद्ध जाकर पार्टी में बागवत करके देवेंद्र फडणवीस से हाथ मिला लिया था. शुक्रवार देर शाम तक शिवसेना और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के लिए बैठक करने वाले अजित ने शनिवार सुबह देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर सरकार बना ली थी.

हालांकि उन्होंने एनसीपी के जिन विधायकों पर भरोसा करके एनसीपी अध्यक्ष और चाचा शरद पवार से बागावत की थी, वे उनके साथ खड़े नहीं रहे. एनसीपी के बागी विधायक शरद पवार की एक आवाज पर दोबारा से उनके पास लौट आए. इसके बाद अजित पवार अकेले पड़ गए. आखिरकार उन्हें लाचारी में उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर दोबारा से चाचा शरद पवार के पास लौटना पड़ा है.

अब शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस मिलकर सरकार बनाने जा रही है. ऐसे में अजित पवार इन तीनों दलों की साझा सरकार पर कोई हमला नहीं कर सकेंगे. क्योंकि अजित खुद एनसीपी के विधायक हैं.

अपनी पार्टी की सरकार बनने का जश्न भी नहीं मना सकते

शुक्रवार शाम तक चर्चा थी कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार में अजित पवार उपमुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन अब बगावत के चलते उन्हें इन तीनों दलों की साझा सरकार में कोई पद नहीं मिलने वाला है. एनसीपी की सरकार बनेगी, लेकिन अजित पवार खुद जश्न नहीं मना पाएंगे.बड़े पवार ने छोटे पवार को बनाया असहाय

फिल्मों में आपने कई बार देखा होगा कि हीरो मुख्य विलेन को आसानी से मरने नहीं देता है. हीरो मुख्य विलेन को पूरी तरह असहाय बना देता है. ऐसा ही हाल शरद पवार के परिवार में देखने को मिल रहा है. अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत करके देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन उनका यह दांव कुछ ही घंटों में फेल हो गया. शरद पवार की बेटी ने सोशल मीडिया पर स्टेटस में लिखा कि परिवार ने हमेशा भाई अजित पवार का साथ दिया, लेकिन उन्होंने बगावत कर दी. इस फैसले से अजित पवार का कद ना केवल परिवार में बल्कि पार्टी में भी कम हुआ है.

मालूम हो कि राजनीति के धाकड़ खिलाड़ी शरद पवार के कोई बेटे नहीं हैं. उन्होंने भतीजे अजित पवार को ही अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में तैयार किया था. पिछले कुछ समय से शरद पवार ने बेटी सुप्रिया सुले को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है. परिवार में सामंजस्य के लिए शरद पवार ने अजित को महाराष्ट्र और सुप्रिया को दिल्ली की राजनीति करने का जिम्मा सौंप रखा था. अब हो सकता है कि अजित पवार से महाराष्ट्र की जिम्मेदारी भी छिन सकती है.

मुंबई के ग्रैंड हयात होटल में 162 विधायकों के सामने शरद पवार ऐलान कर चुके हैं कि वह अजित पवार के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा है कि बागी के खिलाफ शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी साझा प्रत्याशी खड़ा करेंगे. ऐसे में अजित पवार का बगावत का फैसला उनके लिए बड़ा राजनीतिक नुकसान पहंचा सकता है.

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